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RGPPKVY (Kanya Vivah Yojana)

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कन्या विवाह योजना

द्वारा संचालित

- योजना के उद्देश्य :

बाल विवाह प्रथा महिलाओं के हत्या पर रोक लगाने हेतु तथा महिला को सम्पूर्ण भारत में प्रोत्साहित करने के लिए संस्था द्वारा कन्या विवाह योजना बताने का महत्वपूर्ण निर्णय

--कार्य क्षेत्र : सम्पूर्ण भारत--

आवश्यक सूचना

सभी शहरी/ग्रामीण क्षेत्र के महिलाओं एवं उनके अनुयायीयों को संस्था के चेयरमैन राजू कुमार द्वारा अपार हर्ष के सूचित किया जा रहा है कि "कन्या विवाह योजना" जो कि भगवान बुद्ध के धरती पटना जिला के पावन धरती से शुभारंभ कर संपूर्ण भारत के सभी राज्यों के सभी जिला प्रखंड पंचायत में शुरू कर रहे हैं। "कन्या विवाह योजना आपके समाज में ऐसी योजना है जो महिलाओं एवं कन्याओं की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास कर रही है, इसलिए कि महिलाएं हमारे समाज की महत्वपूर्ण सांभ के रूप में है। इनका शोषण करके हम सफल परिवार एवं सुदृढ समाज की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं तथा इन्हें प्रगतिशीलता के रास्ते पर लाकर सम्पूर्ण भारत के महिलाओं को सुदृढ एवं आत्म निर्भर बनाने का प्रयास करेंगे।

हम जानते हैं कि आज हमारे समाज में महिलाओं का पिछड़ेपन का मुख्य कारण यह है कि हमारे समा के महिलाओं का शोषण किया जाता है और उनके अधिकार को दबा दिया जाता है एवं उन्हें आज के जमाने में भी शिक्षा से वंचित किया जाता है एवं आज भी महिलाओं को गर्भ में कन्याओं के पैदा की जानकारी के पश्चात् उसकी हत्या गर्भ में ही कर दिया जाता है।

महिलाओं एवं कन्याओं को तरक्की के लिए स्वेच्छा से कोई कार्य करने का अधिकार नहीं है आज भी महिलाओं को घर की चारदीवारों में कैद कर दिया जाता है और पुरुषों के आदेशों को मानने के लिए मजबूर किया जाता है इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए हमारी संस्था द्वारा संचालित “कन्या विवाह योजना का गठन किया गया है तथा आप सभी सामाजिक भाइयों एवं बहनों को यह जानकर खुशी होगी कि घरेलू अत्याचार के शिकार कन्याओं / महिलाओं को संरक्षण देने हेतु हमारी संस्था पूर्ण रूप से संकल्पित है जिसमें न सिर्फ विवाहित महिलाओं/ कुवारी कन्याओं को संरक्षण दिया जाएगा ताकि वर्तमान में समाजिक कुरीतियां जैसे बाल विवाह, दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या, शिक्षा से वंचित एवं अन्य तरह की उत्पीड़न शोषण से कन्याओं / महिलाओं को बचाया जा सके।

इसके लिए संस्था ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाएँ हैं। जैसे निर्धन कन्याओं के विवाह के समय सहायता प्रदान करने के साथ-साथ घरेलू अत्याचार के शिकार महिलाओं / कन्याओं को आर्थिक, कानूनन, चिकित्सीय एवं हर तरह से सहायता प्रदान करना है।

संस्था द्वारा कन्या / महिला / बालिकाओं को संरक्षण हेतू किया गया कार्य का महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार से हैं : "

संस्था के दिशानिर्देशों पर कार्यरत तथा संपूर्ण भारत में जिला/प्रखंड/पंचायत स्तर पर कुंवारी कन्याओं को विवाह के समय सहायता प्रदान करने के रूप में "कन्या विवाह योजना" चलाया जा रहा इस कार्यक्रम में समाज के कुंवारी कन्याओं/महिलाओं/बालिकाओं को बराबर का दर्जा दिलाने का सबसे अच्छा माध्यम बनाने का प्रयास कर रहे हैं इसका मुख्य उद्देश्य घरेलू अत्याचार से प्रतारित कन्याओं / महिलाओं/बालिकाओं संरक्षण प्रदान करना है तथा विवाह के समय सहायता प्रदान करना है एवं गरीब कन्याओं / महिलाओं/बालिकाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं ।

ब्लॉक कॉर्डिनेटर का कार्य :- प्रत्येक कॉर्डिनेटर अपने जिला/प्रखंड/पंचायत में प्रतिदिन कुंवारी कन्याओं का निबंधन करते हैं, जिसमें कि बकायदा हर कुंवारी कन्या निबंधन फॉर्म के साथ विवरण पुस्तिका प्राप्त करती है। जिसमें उनके अनेक प्रकार की अधिकारों की पुष्टि कि गई है इसके लिए कुंवारी कन्याओं से मात्र 3 माह का 99/- 6 माह का 199/- एवं 12 माह का 399/- सहायता शुल्क लिया जाएगा। सर्वेक्षक के सर्वे की निगरानी जिला प्रबंधक द्वारा किया जाता रहेगा । इस कार्यक्रम में सर्वेक्षक को अगर किसी तरह की परेशानी आती है तो बहु प्रखंड प्रशासन एवं संस्था की सहायता ले सकता है।

" कुपोषण पुरक पोषाहार "

कुपोषण के शिकार बच्चे, बच्चियों एवं महिलाओं को पुरक पोषाहार से संबंधित उचित जानकारी तथा महिलाओं को गर्भ के दौरान किन-किन बातों को ध्यान में रखने की आवश्यकता है उसकी जानकारी एवं बच्चों को कौन-कौन से पौष्टिक खाद्य सामग्री की जरूरत पड़ती है उसकी जानकारी जिससे की शरीर के विकसीत होने में सहायक होते हैं जानकारी ही बचाव है इसलिए हमारी संस्था इस विशेष तथ्य पर रौशनी डाल रही है।

" महिलाओं एवं बालिकाओं को शिक्षित करें। शिक्षा हमारे लिए सर्वोपरी है। "

शिक्षा वह साधन है, जो आम रूप से मनुष्य को अशिक्षा से होने वाली समस्याओं के निराकरण का रास्ता दिखाती है और समाज में इज्जत, मान-सम्मान, अच्छी सोच-समझ की दृष्टिकोण बनाती है। हमें हर कार्य क्षेत्र में आगे बढ़ने में शिक्षा अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एक अच्छे समाज की स्थापना के लिए शिक्षित होना बहुत जरूरी है। आज के इस दौर में शिक्षा के बिना हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं।

"महिलाओं को स्वावलम्बन बनाने का अथक प्रयास "

हमारी संस्था के द्वारा विभिन्न कार्य योजनाओं को लागू कर महिलाओं एवं बालिकाओं को स्वावलम्बी बनाने हेतु प्रशिक्षित कर स्वावलम्बी बनाने का कार्य करेगी । जैसे- सिलाई कटाई, बुनाई, घरेलू उद्योग- पापड़, अचार, मोमबती एवं अनेक प्रकार की उद्योग से जोड़ कर हम महिलाओं को स्वावलम्बी बनाऐंगे।



नारी सम्मान :- हमारे भारतीय संस्कृति में नारी को बहुत महत्व दिया गया है। संस्कृत में एक श्लोक है- यस्य पूज्यंते नारी रमन्ते तत्र देवता: अर्थात् जहाँ नारी की पूजा-अर्चना होती है, वहाँ देवता निवास करते हैं किन्तु, वर्तमान में जो हालत दिखाई देते हैं, उनमें नारी का हर जगह अपमान होते आ रहा है तथा उसे भोग की वस्तु समझकर आदमी अपने तरीके से इस्तेमाल कर रहा है। यह बेहद ही दु:खद एवं चिन्ता जनक विषय है, लेकिन नारी संस्कृति बनाये रखते हुए नारी का सम्मान कैसे किया जाए इस पर प्रकाश डालना अति आवश्यक है।

नारी का हमेशा सम्मान हो :- नारी अर्थात् महिला "माँ" के रूप में इस धरती पर अपने सबसे पवित्र रूप में प्रत्यक्ष है। माता यानि जननी। माँ को ईश्वर से भी बढ़कर माना गया है। इसलिए की ईश्वर की जन्मदात्री भी महिला ही रही है। माँ पार्वती, माँ देवकी, इत्यादी किन्तु आज के बदलते परिवेश के हिसाब से सन्तानों ने अपनी माता को महत्व देना कम कर दिया है। यह बहुत ही चिन्ताजनक पहलू है, परन्तु जन्म देने वाली माता के रूप में नारी का सम्मान अनिवार्य रूप से होना ही चाहिए जो कि वर्तमान में कम हो गया है तो आईए हम सब मिलकर नारी का सम्मान करें तथा इन्हें होने वाले किसी भी प्रकार की कठिनाईयों से दूर कर अपने सामाजिक वातावरण को महिलाओं के प्रति जागरूक करें ।

हमारी संस्था का संकल्प :- हमारी संस्था आज वर्तमान समय में | सम्पूर्ण मानव समाज चाहे वो पुरूष हो या महिला सभी लोग भय, भूख और आतंक से पीड़ित हैं । सर्वत्र दाहिमय को स्थिति है। सारे लोग समस्या से निजात पाना चाहते हैं लेकिन फिर भी वो उबर नहीं पा रहें हैं और लगातार विकराल समस्या रूपी दल-दल में फँसते जा रहे हैं। आज हम सभी प्रकार के समस्या से निजात (समाधान) पाना चाहते हैं लेकिन निजात (समाधान) नहीं मिल पा रहा है तथा हमारी संस्था का संकल्प है कि सभी कुरितियों की जड़ पाश्चात्य शिक्षा से वंचित, कुपोषण, कुसंस्कार इन्हें खत्म करने का अथक प्रयास जारी कर हमारी संस्था एक अच्छे समाज की पराकाष्ठा (नीव) रखने को तैयार है।